Bible

Simplify

Your Church Tech & Streamline Your Worship

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

1 Timothy 2

:
Hindi - CLBSI
1 मैं सब से पहले यह अनुरोध करता हूँ कि सभी मनुष्‍यों के लिए, विशेष रूप से
2 राजाओं और सब अधिकारियों के लिए, अनुनय-विनय, प्रार्थना, निवेदन तथा धन्‍यवाद अर्पित किया जाये, जिससे हम भक्‍ति तथा मर्यादा के साथ निर्विघ्‍न तथा शान्‍त जीवन बिता सकें।
3 यह उचित भी है और हमारे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर को प्रिय भी है,
4 क्‍योंकि वह चाहता है कि सभी मनुष्‍य मुक्‍ति प्राप्‍त करें और सत्‍य को जानें।
5 केवल एक ही परमेश्‍वर है और परमेश्‍वर तथा मनुष्‍यों के बीच केवल एक ही मध्‍यस्‍थ हैं, अर्थात् येशु मसीह, जो स्‍वयं मनुष्‍य हैं
6 और जिन्‍होंने सब के विमोचन के लिए अपने को अर्पित किया। उन्‍होंने उपयुक्‍त समय पर इसके सम्‍बन्‍ध में अपनी साक्षी दी।
7 मैं सच कहता हूँ, झूठ नहीं बोलता। मैं इसी का प्रचारक तथा प्रेरित, गैर-यहूदियों के लिए विश्‍वास तथा सत्‍य का शिक्षक नियुक्‍त हुआ हूँ।
8 मैं चाहता हूँ कि सब जगह पुरुष, बैर तथा विवाद छोड़कर, श्रद्धापूर्वक हाथ ऊपर उठा कर प्रार्थना करें।
9 मैं यह भी चाहता हूँ कि स्‍त्रियाँ शिष्‍ट वेशभूषा में मर्यादा और शालीनता का ध्‍यान रखें और कृत्रिम केश-विन्‍यास, स्‍वर्ण, मोतियों एवं कीमती वस्‍त्रों से नहीं,
10 बल्‍कि सत्‍कर्मों से अपना बनाव-सिंगार करें, जैसा कि उन स्‍त्रियों को शोभा देता है, जो ईश्‍वर-भक्‍त होने का दावा करती हैं।
11 धर्मशिक्षा के समय स्‍त्रियाँ पूर्ण अधीनता के साथ शान्‍त रहें।
12 मेरी अनुमति नहीं है कि वे ही शिक्षा दें अथवा पुरुषों पर अधिकार जतायें। वे शांत रहें;
13 क्‍योंकि पहले आदम की रचना हुई, तब हव्‍वा की।
14 और आदम बहकावे में नहीं पड़ा, बल्‍कि स्‍त्री ने बहकावे में पड़ कर अपराध किया।
15 फिर भी यदि स्‍त्रियाँ संयम से विश्‍वास, प्रेम और पवित्रता में दृढ़ बनी रहेंगी, तो वे अपने मातृत्‍व द्वारा मुक्‍ति प्राप्‍त करेंगी।